
बिलासपुर। नगरीय निकाय चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी करने की हड़बड़ी में नेता कोर्ट कचहरी तक को भूल जा रहे। भाजपा ने जहां अपने अटल विश्वास पत्र में मिशन स्कूल परिसर में युवाओ के लिए नालन्दा परिसर खोलने सामाजिक वोट बैंक पर सेंध लगाने सामुदायिक भवनों के विस्तार नजूल पट्टे और कर्मचारियों के नियमितीकरण वाले 33 बिन्दुओ के घोषणा पत्र का पासा फेंका।
वही इसके जवाब में कांग्रेस ने नारी शक्ति के प्रसाधन की व्यवस्था बनाने कर्मचारियों के नियमितीकरण, श्रधांजलि योजना की राशि को बढाकर 2 से 5 हजार करने समेत 34 बिन्दुओ का घोषणा पत्र जारी किया।
बीजेपी का रंगीन, भाजपा का ब्लैक एंड व्हाइट
भारतीय जनता पार्टी ने जहां नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनजर रंग बिरंगा घोषणा पत्र जारी किया वहीं कांग्रेस ने ब्लैक एंड व्हाइट ।
बीजेपी के केंद्रीय और डिप्टी सीएम, कांग्रेस में केवल पूर्व मंत्री

भाजपा के घोषणा पत्र को जारी करने के लिए जहां केंद्रीय राज्य मंत्री डिप्टी सीएम और पूर्व कद्दावर मंत्री व नगर विधायक समेत अन्य नेता एक बड़े होटल के मंच पर आए। वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री घोषणा पत्र जारी करने आए परंतु उनका गला खराब था। जिसके कारण जिला अध्यक्ष को चिल्ला चिल्लाकर घोषणा पत्र पढ़ना पड़ा।
यहां भी अंतर्कलह
घोषणा पत्र जारी करने के दौरान भी कांग्रेस में अंतर्कलह और गुटवाजी चरम पर दिखी। पता नही तत्कालीन मेयर क्यों खफा होकर फिर पत्रकार दीर्घा में बैठे रहे, नेताओ ने मांन मनौवल कर उन्हें मंच तक लाने भगीरथी प्रयास करते दिखे।
अरपा पर राजनीति
विधानसभा चुनाव के दौरान जहां बिलासपुर समेत समूचे छत्तीसगढ़ में धान और किसान राजनीति का प्रमुख केंद्र रहा वही निकाय चुनाव में अरपा के विकास का दावा। दोनो राजनीतिक दल ने अपने मेनिफेस्टो में अरपा के संरक्षण संवर्धन का दावे को फिर दोहराया। पर अरपा की दिनोदिन बिगड़ती स्थिति और बदहाली कब तक दूर होगी इसके विकास के लिए क्या सिर्फ दावे होंगे या कुछ काम भी होगा ये बड़ा सवाल है
आईए देखते हैं कांग्रेस और भाजपा के जारी घोषणा पत्र में आखिर है क्या-क्या…
भाजपा का घोषणा पत्र





कांग्रेस के 34



