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भू-राजस्व संहिता, नही सत्ता संहिता पर चल रहा राजस्व विभाग, भाजपा नेता की सह पर बिल्डर ने खड़ी फसल को पटवा किसान की जमीन पर रास्ता बना कर लिया सरकारी भूखण्ड पर कब्जा, मांडवाली फेल हुई तो काड़ी कर निरस्त करा, करा दी सरकारी

बिलासपुर। सत्ता बदल गई पर रवैया नही बदला, अफसर आम आदमी का काम करने के बजाय केवल सत्ता पक्ष के नेताओ के इशारे पर काम कर रहे, जिससे फजीहत भी हो रही है। ऐसा ही एक मामला कोनी-रतनपुर मार्ग के ग्राम सेंदरी से सामने आया है, जहां एक भाजपा नेता की शह पर बिल्डर ने बेशकीमती सरकारी जमीन का पट्टा बनवा उस पर कब्जा करने के किसान की खड़ी फसल पर मिट्‌टी पटवा 40 फीट रास्ता बनवा दिया। पर मांडवाली फैल होने पर बिल्डर के खिलाफ ही काडी कर पट्‌टे को निरस्त करा जमीन को सरकारी रिकार्ड में दर्ज करा दिया गया।

मामला सेंदरी पटवारी हल्का नंबर 46 की भूमि का है, खसरा नंबर 1309 की 7.57 एकड़ भूमि मिसल रिकार्ड में घास मद में दर्ज है।

रिकार्ड में खसरा नंबर 1309/1 रकबा 4.27 एकड़ रघुवीर सिंह व अन्य के नाम दर्ज थी। वहीं, 1309/1 रकबा 4.27 एकड़ भूमि चरागाह मद में दर्ज है। बताया जा रहा कि बिल्डर ने इस जमीन पर काबिज किसान से औने- पौने दाम पर यर जमीन खरीद ली और इस 4.27 एकड़ सरकारी जमीन का फर्जी पट्टा भी बनवा करोड़ो की इस जमीन पर कब्जा भी कर लिया। मामले के तूल पकड़ने पर जब एसडीएम ने बिल्डर से जवाब तलब किया तो उसने खसरा नम्बर 1309/3 रकबा 1 एकड़ भूमि को गत 4 फरवरी 2009 को कलेक्टर के आदेश से कृषक से खरीदना बताया।

जांच में पता चला कि ये भूमि कृषक के नाम पर दर्ज ही नही थी बल्कि चरागाह मद में दर्ज है। जिसके आधार पर बिल्डर ने सरकारी जमीन पर कॉलोनी बनाने निजी भूमि को रातों-रात पटवाकर 40 फीट की सड़क बनवा दी।

तब हुआ खुलासा

सेंदरी निवासी कृषक गेंदराम ने कलेक्टर के समक्ष शिकायत की कि उसकी फसल को नुकसान पहुंचाकर 40 से 50 फीट सड़क बना ली गई है। कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर जांच कराई गई तब पता चला कि जिस कृषक से 5 लाख में अंगूठा लगवाकर कब्जा किया गया है वह उस कृषक की थी ही नही वह उस जमीन पर सालों से खेती कर रहा था। उसने खसरा नंबर 1300/1 की 1 एकड़ सरकारी जमीन के लिए पट्टे की मांग की थी, लेकिन उसे कोई पट्टा नहीं मिला। उसे यह भी नहीं पता कि खसरा नंबर 1309/3 की 1 एकड़ जमीन उसके नाम पर कैसे दर्ज हो गई।
इस कारनामे के सामने आने से राजस्व विभाग के रवैये और भाजपा सरकार की जमकर फजीहत हो रही, ये बात खुलकर सामने आ गई कि राजस्व विभाग के अफसर आमजन के काम नही कर रहे बल्कि केवल नेताओ के इशारे पर ही काम कर रहे है।
इस फजीहत के बाद खसरा नंबर 1309/1 की 4.27 एकड़ जमीन को छत्तीसगढ़ शासन के नाम दर्ज करने का आदेश दिया गया है। सवाल यह उठ रहा कि क्या राजस्व विभाग के अफसर सत्ता अधिनियम पढ़ रहे आखिर करोड़ों रुपए कीमती सरकारी जमीन को बिना किसी दस्तावेज के कैसे बिल्डर के नाम कर दिया।
इस बात को लेकर जबर चर्चा है कि भाजपा नेता और बिल्डर के बीच रास्ता दिलाने के लिए सौदा हुआ था, वह बिगड़ गया, जिससे नाराज होकर भाजपा नेता ने दबाव बनाकर बिल्डर को सबक सिखाने के लिए उसके काले कारनामा को ही उजागर करा दिया।


और 10 एकड़ चढ़ा दिया था कांग्रेस नेता के नाम


ऐसा नही कि जमीनों के फर्जीवाड़े का ये खेल नया है, इसके पहले भी कांग्रेस शासनकाल में सेंदरी इलाके की 10 एकड़ से अधिक भूमि एक कांग्रेस नेता के नाम चढ़ा दी गई थी, लेकिन जब फजीहत हुई कांग्रेस नेता को बयांन देना पड़ा कि उन्होंने तो जमीन के लिए आवेदन ही नही किया।


भैया से बोलवा दीजिये हो जाएगा


कांग्रेस शासन काल मे उस समय शहर के भैया रहे नेता का जब जलवा जलाल था, एक कांग्रेस नेता तहसीलदार के पास जमीन सम्बन्धी काम लेकर तहसीलदार के पास पहुँचे, तब तहसीलदार ने कहा दिया कि भैया से बोलवा दीजिये काम हो जाएगा, इससे भड़के नेता उनसे कागजात लेकर उनके चेम्बर से निकल आएं।


एसडीएम से नही हो सका सम्पर्क


राजस्व विभाग किस संहिता पर चल रहा ऐसे कैसे सरकारी जमीन रसूखदारों के नाम चढ़ा दी जा रही इस मामले में चर्चा के लिए सीजीडीएन की टीम ने एसडीएम मनीष साहू को कॉल किया उनके कार्यालय में सम्पर्क किया परन्तु न तो उनसे मुलाकात हो सकी न बात।

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शैलेन्द्र पाण्डेय / संपादक / मोबाइल नंबर : 7000256145
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