
0 बन्धनकारी न सही पर सरकारी जमीन पर खुले अपोलो को इलाज देना होगा
0 लोकसभा, विधानसभा के बाद निकाय चुनाव भी पर नही बन सका मुद्दा

बिलासपुर। अपोलो अस्पताल प्रबंधन ढिटता पर उतर आया है। हॉस्पिटल प्रबन्धन को न तो विधायक की चेतावनी का खौफ है और न ही स्वास्थ्य महकमे के चेतावनी भरे पत्र का खौफ। तभी तो 4 माह बाद भी अपोलो ने आयुष्मान कार्ड से उपचार शुरू करना तो दूर पोर्टल के लिए पंजीयन तक नही कराया।
बताया जा रहा कि सारा खेल पैकेज का है, प्रबंधन उन सरकारी दरों पर मरीजो को इस योजना के तहत इलाज मुहैया कराने तैयार नही है। उनका पैकेज की दरें आयुष्मान योजना के दरों से अधिक है।
वही दूसरा कारण शासन से आयुष्मान योजना के उपचार के लिए मिलने वाली राशि की लेटलतीफी है, क्योकि अपोलो को माल ज्यादा , नकद और तुरन्त चाहिए। यही वजह है कि अपोलो प्रबन्धन आयुष्मान योजना का लाभ आम मरीजो को देने से कतरा रहा है। यही वजह है कि आमजन को जरूरत पड़ने पर घर जमीन और जेवर बेचकर या गिरवी रखकर अपोलो में अपने मरीजो का उपचार कराना पड़ रहा है।
विधायक की फटकार भी बेअसर
बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने लगातार अपोलो में आयुष्मान योजना के तहत उपचार न मिलने की शिकायत पर गत अक्टूबर माह में अपोलो पहुचकर प्रबन्धन से इस सम्बंध में चर्चा की थी। प्रबन्धन के अफसरों के टालमटोल से भड़के विधायक श्री शुक्ला ने प्रबन्धन के अफसरों को दो टूक चेतावनी दी थी कि या तो जमीन और अस्पताल भवन खाली कर दे या फिर आयुष्मान से इलाज शुरू करें, पर लगता है कि अपोलो प्रबन्धन को विधायक की चेतावनी का भी भय नही रह गया तभी तो इन चार महीनों में अपोलो प्रबन्धन ने उपचार के लिए पहल करना तो दूर आयुष्मान पोर्टल में पंजीयन तक नही कराया। स्वास्थ्य महकमा भी अपोलो प्रबन्धन को इसके लिए पत्र पर पत्र भेज रहा।
आखिर कहा जाए गरीब और मध्यमवर्गीय
अंचलवासियो को विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवा देने का दावा करने वाला सिम्स प्रबन्धन पिछले 25 सालों में सर्दी बुखार पेट दर्द के इलाज और हर्निया हाइड्रोसिल के ऑपरेशन से आगे नही बढ़ पाया। तमाम दावों के साथ तामझाम के साथ उद्घाटित सुपर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल को भी निजी हाथो में सौपने की खबरे आ रही है। ऐसे में हार्ट किडनी कैंसर जैसे जटिल बीमारियों के उपचार के लिए गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार अपने मरीज को लेकर जाए तो जाए कहां क्योकि अच्छी शिक्षा और चिकित्सा मुहैया कराने की जिम्मेदारी तो सरकार की ही है।
डॉ प्रमोद तिवारी, सीएमएचओ बिलासपुर

