
0 चक्कर से मुक्ति, काम होने की गारंटी
0 और भवन शाखा अधिकारी कह रहे बन्द है नियमितीकरण का काम

बिलासपुर। निगम के जिस भवन शाखा ने विभाग के काम को चौराहे पर नीलाम कर रखा है वे बता रहे कि बिना अनुमति निर्मित 4600 भवनों के नियमितीकरण से शासन को 28 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। चर्चा है कि इस खेल में कई खोखा का वारा न्यारा हुआ है।
विधानसभा चुनाव के ऐन पहले तत्कालीन भूपेश सरकार ने आमजन को राहत देने नियमितीकरण का पासा फेका था। उनकी इस घोषणा के बादबिना अनुमति निर्मित 9450 भवन मालिको ने नियमितीकरण के लिए आवेदन दाखिल किया ।
निगम के भवन शाखा के रिकार्ड की माने तो में 9450 में से लगभग 4600 भवन नियमित कर दिए गए। जिससे शासन को 28 करोड़ की आय होने की बात कही जा रही है। आरोप है कि 4850 भवन मालिको के आवेदन डील तय न होने के कारण लटका दिए गए और फिर विधानसभा व लोकसभा चुनाव आचार संहिता का हवाला दे 4850 भवनों के आवेदनों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। कहा जा रहा कि नई सरकार के गठन के बाद से आज तक कोई नया निर्देश नही आया इसलिए शेष आवेदनों पर कार्रवाई लटक गई।
चर्चा है कि जब 4600 भवनों के नियमितीकरण से शासन को जब 28 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ तो टोटल खेल कितने का खेला गया क्योकि सबको पता है कि बिना चढ़ावे के निगम में कोई काम सम्भव ही नही है। नियमितीकरण मे हुए करोड़ो के खेल का जमकर हल्ला है।
चौराहे पर ऐसे लटक रहा भवन शाखा का धंधा-
पूरे शहर भर में जिस तरह से चौक चौराहों के दीवारो और पेड़ो पर नक्शा पास और नियमितीकरण कराने के दावे वाले पम्पलेट और बोर्ड लगा काम कराने का दावा किया जा रहा इससे लगता है कि निगम के भवन शाखा ने अपने विभाग के काम को चौराहों पर नीलाम कर दिया है। ऐसा नही कि ये बीमारी केवल निगम में है आरटीओ और राजस्व विभाग में भी इसी तरह का खेल चल रहा। कही लायसेंस और आरटीओ सम्बंधित कार्य के पोस्टर लगे है तो कहीं नामांतरण फौती और जमीन सम्बन्धी कार्यो के।

मंत्री तक को नही बख्शा
निगम के भवन शाखा से आमजन नही बल्कि नेता भी हलाकान है और पबले भी रहे है । एक नेता ने बताया कि भवन अधिकारी ने उन्हें बहुत परेशान।किया। एक पूर्व मंत्री ने तो सरेआम बैठक में एक पूर्व भवन शाखा अधिकारी को खड़ा करा लताड़ लगाते हुए अपना गुस्सा जाहिर कर बताया था कि कैसे उनके निवास पीछे एक कमरे के निर्माण के लिए उनके लोगो से चक्कर कटवा परेशान किया गया।
हल्ला बेक डेट का
चर्चा है कि कई प्रकरणों को अफसरों से सांठगांठ कर ऑन डिमांड बेक डेट में निबटाया गया है।
शुतुरमुर्गी चाल
ऐसा नही है कि इस खबर की जानकारी जिम्मेदार अफसरों या जनप्रतिनिधियों को नही है। सब सोशल मीडिया से जुड़े है खबरे उनके संज्ञान में भी है पर वे भी शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर गड़ा अंजान बने बैठे है।
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बिना अनुमति निर्मित भवनों के 9450 आवेदन आये इनमें से 4600 भवनों का नियमितीकरण किया गया है। जिससे शासन को 28 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ इसके अलावा किसी से कोई शुल्क नही लिया गया। आरोप गलत है विधानसभा फिर लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण शेष प्रकरण लंबित है। अभी तक इसके सम्बंध में कोई दिशा निर्देश नही आया आदेश आने पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
सुरेश शर्मा
भवन शाखा अधिकारी
नगर निगम बिलासपुर

