
0 लायन्स सर्विसेज ने किया था दावा की सड़क पर एक कागज का टुकड़ा तक नहीं दिखेगा
0 जगह जगह लगा है कचरे का अंबार, अब क्यो चुप है सरकार
बिलासपुर ।आप खुद देख लीजिए कैसे नगर निगम लिखे ट्रैक्टर ट्राली से कचरा लाकर यहाँ राजकिशोर नगर छठघाट के सामने से लेकर स्मृति वन के पिछवाड़े तक खाली जमीन पर कचरा डम्प कर रहे।
आसपास के नागरिकों का कहना है कि पहले लोग यहां मॉर्निंग वॉक पर आते थे, पर अब गन्दगी और बदबू के कारण यहाँ मॉर्निंग वाकरो ने आना ही बन्द कर दिया।
सवाल यह उठ रहा कि दो- दो कम्पनियों को जब सफाई और कचरे के सम्पूर्ण निदान का ठेका दे दिया गया है, तो फिर निगम का अमला और संसाधन लगाकर ठेका कम्पनियो की बेगारी क्यो कराई जा रही। जब तय है कि कचरे का सम्पूर्ण निदान के लिए शहरी कचरे को कछार के प्लांट ले जाया जाना है तो फिर राजकिशोर नगर में स्मृतिवन के पीछे कचरा क्यो और किसके इशारे पर डम्प कराया जा रहा। कछार प्लांट तक कचरा पहुँचाने का पैसा आखिर कम्पनी से कौन लेकर डकार रहा ये बड़ा सवाल है। क्योंकि मामला नगरीय प्रशासन मंत्री उपमुख्यमंत्री और केंद्रीय शहरी और आवासन राज्य मंत्री के शहर का है।
गणपति परिक्रमा में अफसर अव्वल
राजकिशोर नगर के स्मृति वन के पीछे डम्प कचरे के चारो तरफ मवेशियों के झुंड ही झुंड नजर आ रहा । प्रशासन के अफसर है कि हमेशा की गणपति परिक्रमा की बाजीगरी कर रहे। सब देख रहे की जब भी सड़क पर डामरीकरण और सौंदर्यीकरण का काम होता है तो शुरुआत कैसे वीआईपी इलाके से होती है। यही फार्मूला हाईकोर्ट की नाराजगी पर भी चिपका दिया ताकि हाईकोर्ट के जस्टिस और मंत्री वीआईपी को दिक्कत न हो उनकी नाराजगी न झेलनी पड़े इसीलिए हाईकोर्ट रोड पर पर पसरे मवेशियों को हटाने और पकड़ने काऊ कैचर लेकर निगम अमले को लगा दिया जा रहा।
एक की जान जाते बची
पिछले दिनों जिस ठेकेदार के कर्मचारियों को हाईकोर्ट रोड पर भेजा गया था उसे मवेशी पकड़ने के दौरान एक तेज रफ्तार कार टक्कर मारकर भाग निकली। घायल ठेका कर्मी को इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जान जाते जाते बची, 70 हजार का बिल भी उस ठेका कर्मी के परिजनों को उधार बाड़ी लेकर चुकाना पड़ा और ठेकेदार ने उसके इलाज के लिए महज 20 हजार की ही सहायता दी। वो भी मीडिया के खबर के दबाव में।
अब क्या बहाना
जब जब जिम्मेदार अफसरों से लोकल ठेकेदारो और ठेका कम्पनियो के बेगारी को लेकर सवाल किया जाता है अफसर यह कहकर पल्ला झाड़ लेते है कि नाले- नालियों की सफाई से निकला मलबा उठाने की जिम्मेदारी निगम अमले की है, पर अब तो ये वाला बहाना भी नही चलेगा क्योकि आप भी देख लीजिए ट्रैक्टर पर लदा कचरा नाले – नालियों का मलबा नहीं है।

