

बिलासपुर। भगवान भुवनमोहन श्री गोवर्धन पूजा पर्व पर शनिवार को शनिचरी पड़ाव बाल्मिकी चौक से ग्वाला,यादव समाज व श्री कृष्ण भक्तों ने अपनी गायों को सजाधजा कर बाजेगाजे के साथ शोभायात्रा निकाली।

पौराणिक मान्यता के मुताबिक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को इंद्रदेव ने गोकुलवासियों से नाराज़ होकर मूसलाधार बारिश की । जब पूरा गांव डूबने को था तभी भगवान श्रीकृष्ण ने गाय-ग्वालों को इंद्र के कोप से बचाने विशाल गोवर्धन पर्वत को सात दिन और सात रात तक उठा उनके प्राणों की न सिर्फ रक्षा की बल्कि देवराज इंद्र के अभिमान को भी तोड़ा तब से आज के दिन गौ पालक अपने घरों के गाय कोठे में गोबर्धन पर्वत बनाकर भगवान गोवर्धन पूजा अर्चना कर अपने मवेशियों को खीचड़ा खीर पूड़ी बड़ा भात दाल और सब्जी खिला उनकी पूजा कर उनका प्रसाद ग्रहण करते है और शाम को अपने गायों को फूल माला और रंगीन कपड़ो से सजा बाजे गाजे के साथ शोभा यात्रा निकाल लाठी चालन और शस्त्र चलन कर अपनी कला का प्रदर्शन करते है।
शनिचरी बाजार बाल्मीकि चौक पर इनके शौर्य प्रदर्शन को देखने भीड़ लगी रही। पारम्परिक परिधानों से सजी महिलाएं और बच्चे भी हर्ष उल्लास के साथ झूमते रहे।
शोभायात्रा शनिचरी बाजार से नगर भृमण करते हुये खाटू श्याम मंदिर में सम्पन्न हुई। जहां गौ पालको ने अपनी गायों की पूजा अर्चना कर अपने परिवार समाज और देशवासियों के कल्याण की कामना की। इस अवसर पर कैलास ग्वाला जुगल ग्वाला समेत ग्वाला समाज के महिला पुरुष व बच्चे मौजूद रहे।

