
बिलासपुर । जमाना बदल गया वो गब्बरवा सांभा से पूछते थे कि होली कब है कब है होली पर अब चुनावी बुखार का शुरुर है तभी तो पूरे शहर में चर्चा है कि चुनाव तो हो गया शपथ कब है। कोई कह रहा पण्डितजी से अभी मुहूर्त नही मिल रहा। तो कोई कह रहे सीएम से टाइम नही मिल रहा और तो और अफसर भी खबरची बाबा से पूछ रहे आप लोगो को तो पता होगा कब है शपथ।

पर हकीकत किसी को कुछ नही पता जैसा हैं। इधर शहर में चुनाव के बाद शपथ समारोह से लेकर पड़ पदवी तक का जिक्र हो रहा कि फला दरबारी को सभापति बनाया जा सकता है तो कोई कह रहा कि अब पॉवर हाउस बट चुके है, उनके भी दरबारी है। वही पराजय के बाद कांग्रेस खेमे से नेता प्रतिपक्ष कौन होंगे इसको लेकर भी कयास लगाए जा रहे है । चर्चा है कि इस बार राजधानी और न्यायधानी के निगम मे महिलाओ का राज रहेगा क्योंकि दोनों नगर निगम को महिला महापौर मिले है।

सियासत में जिस तरह के दाव पेच चल रहे उससे यह भी कयास लगाए जा रहे कि बिलासपुर को दूसरी महिला महापौर मिली है, ऐसे में दोनो राजनीतिक दल शह और मात की चाल चल बड़ा सन्देश से सकते है । यदि ऐसा हुआ तो भाजपा सभापति पद पर किसी महिला पार्षद को बिठा सकती है और कांग्रेस महिला नेताप्रतिपक्ष को । क्योकि टिकट वितरण से लेकर दोनो प्रमुख दल में जिस तरह से असन्तोष उभरकर आया और जिस तरह की फजीहतों का सामना करना पड़ा उसे सबने देखा। इस फजीहत के लिहाज से भी रणनीतिकार रणनीति तय करने में लगे है, क्योंकि यदि ये दांव चल गया तो एक तीर से दो शिकार साधने का पोलिटिकल गेम भी चल जाएगा। इससे जहां दोनो दल में अब भी चल रहे दंगल और खींचतान पर विराम लग जायेगा।
क्योकि भाजपा से जहाँ सभापति पद के लिए आधा दर्जन से अधिक दावेदार है वही कांग्रेस से भी नेताप्रतिपक्ष के दावेदार भी जोरआजमाइश में लगे है।

