0 सरकार और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने कर रहे लगातार आंदोलन
0 कहा पेट और परिवार का सवाल नौकरी वापस दो सरकार

बिलासपुर। कहते है शिक्षक साधारण नहीं होते, प्रलय और निर्माण उसी की गोद में पलते हैं, पर छत्तीसगढ़ में सेवा से बर्खास्त किये गए हजारों सहायक शिक्षक कई दिनों से सेवा सुरक्षा और समायोजन की गुहार लेकर दर-दर भटक रहे। कड़ाके की ठंड के बावजूद शनिवार तड़के सुबह हजारों शिक्षक शिक्षिकाओ ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी के बंगले के गेट पर धरना दे बड़ा सन्देश दिया। इनमें बड़ी संख्या में आदिवासी महिला शिक्षिकाएँ भी शामिल थीं।

पिछले कुछ महीनों से छत्तीसगढ़ में बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षक अपनी बर्खास्तगी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। दिसंबर 2024 में 2,897 शिक्षकों की बर्खास्तगी के बाद से ही र आक्रोश है। शिक्षकों का कहना है कि वे अपनी योग्यताओं के बावजूद असुरक्षित नौकरी और अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं।

नही जाग रही सरकार
नौकरी के कारण ज्यादातर शक्षको के परिवार बस गए बच्चे है, आकबीर वे अब अपने परिवार का पेट कैसे भरे ये बड़ा सवाल है,
यही वजह है कि इन शिक्षकों मदारियों की तरह अपने आंदोलन को अनोखे और प्रभावशाली तरीकों से जनता और सरकार तक पहुंचाना पड़ रहा। अब तक अपनी नौकरी की बहाली की मांग को लेकर सामूहिक मुंडन,ठंडे पानी में खड़े होकर
जल सत्याग्रह 5 किलोमीटर लंबी दंडवत यात्रा यज्ञ-हवन शवयात्रा और एनसीटीई की नीतियों के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध कर चुके है।
निर्णय में देरी से असंतोष
शिक्षकों के लगातार चल रहे आंदोलन ने सरकार की चिंता बढ़ दे है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने शिक्षकों से संवाद करने का आश्वासन दिया है। वहीं, मुख्यमंत्री की ओर से एक कमेटी भी गठित की गई है, लेकिन हो कुछ नही रहा सब हलाकान है।
तो करेंगे मतदान का बहिष्कार
शिक्षकों का कहना है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं होतीं, तो वे आगामी चुनावों में मतदान का बहिष्कार करेंगे।

