
बिलासपुर। एक ओर जहां नगर निगम चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के बीच सियासी दंगल जारी है, वहीं दूसरी ओर वार्ड नंबर 35 नागोराव शेष नगर के मतदाता बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं। चुनावी वादों की गूंज तो सुनाई दे रही है, लेकिन जनता की सबसे अहम जरूरत—पेयजल—को लेकर कोई प्रत्याशी चिंता करता नहीं दिख रहा।
तीन दिन से जलसंकट, लेकिन कोई हल नहीं
वार्ड के किलावार्ड क्षेत्र में नगर निगम द्वारा बोर खनन कर जल आपूर्ति की जाती है। लेकिन बीते तीन दिनों से मोटर जल जाने के कारण यहां पानी की सप्लाई ठप है। इस वजह से वार्ड के सैकड़ों परिवारों को पीने तक का पानी नसीब नहीं हो रहा। परेशान लोगों ने जब पंप ऑपरेटर से कारण पूछा तो जवाब मिला कि मोटर की मरम्मत मतदान के बाद होगी। यह सुनते ही लोगों में नाराजगी फैल गई।
चुनावी प्रत्याशी सिर्फ प्रचार में व्यस्त
वार्ड में कुल सात प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवार हैं और चार निर्दलीय। सभी मतदाताओं को लुभाने के लिए जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं, लेकिन जनता की इस गंभीर समस्या पर किसी का ध्यान नहीं है। स्थानीय निवासियों ने जब कई प्रत्याशियों और उनके कार्यकर्ताओं को इस समस्या से अवगत कराया, तो कोई ठोस जवाब नहीं मिला।
जनता का सवाल – चुनावी वादे तो बहुत, लेकिन समाधान कब?
पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा को लेकर हो रही अनदेखी से मतदाता निराश हैं। लोगों का कहना है कि चुनावी मौसम में बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन जब जनता की असल समस्याओं को सुलझाने का समय आता है, तो कोई जिम्मेदारी नहीं लेता। इस स्थिति को देखते हुए मतदाता अब सोचने पर मजबूर हैं कि क्या सच में उनके वोट की कीमत समझी जा रही है, या फिर यह चुनाव केवल प्रचार-प्रसार तक ही सीमित रह जाएगा?
नगर निगम और प्रशासन को इस समस्या का तत्काल समाधान करना चाहिए ताकि जनता को राहत मिले और लोकतंत्र में लोगों का विश्वास बना रहे।

