
0 मुस्तकिम के आवेदन को देख कलेक्टर भी रह गए भौंचक
0 तनखा से नही भर रहा सरकारी अमले का भेंट, गरीबो से हो रही खुली लूट
0 सरकार और सरकारी अमला राज्योत्सव में मस्त

बिलासपुर। मंगलवार को सरगुजा कलेक्टर के जनदर्शन में पटवारी को रिश्वत देने के लिए साढ़े आठ हजार रुपये उधार मांगने के आये मैकेनिक के आवेदन ने छत्तीसगढ़ के साय सरकार के सुशासन की खाट खड़ी कर दी।
मिली जानकारी के मुताबिक अंबिकापुर के मोमिनपुरा निवासी मुस्तकिम ने भूस्वामियों की आपसी सहमति से 15 फुट की सड़क बनाने के निर्णय के बाद नक्शा दुरूस्त करने राजस्व न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया था। तीन माह बाद भी जब पटवारी ने प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया तो मैकेनिक मुस्तकिम ने पटवारी से सम्पर्क किया।आरोप है कि पटवारी ने मैकेनिक से इस काम के लिए 10 हजार की मांग की। मुस्तकिम ने उसे 2500 रुपये दिया इसके बाद भी पटवारी 8500 रुपये की मांग कर उससे चक्कर कटवा रहा था।

पटवारी के अड़ियल रवैये से परेशान मैकेनिक मंगलवार को कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत लेकर पहुँचा। उसने कलेक्टर को सौपे गए आवेदन बताया कि वह गरीब है एवं रिश्वत की राशि देने में असमर्थ है। आपका पटवारी नक्शा दुरुस्त करने के लिए 8500 रुपये और मांग रहा है जबकि वह 2500 रुपये पहले ही दे चुका है। अतः पटवारी को रिश्वत देने 8500 रुपये उधार देने की कृपा करें। इस आशय के आवेदन को पढ़ कलेक्टर भी हड़बड़ा गये। कलेक्टर जनदर्शन में प्रस्तुत आवेदन में आवेदक ने कहा कि पटवारी ने लोक सेवा गारंटी अधिनिम के तहत तय एक माह के समय सीमा में कार्य नहीं किया, इसलिए पटवारी पर 2500 रुपये अर्थदंड अधिरोपित कर रिश्वत में दिया गया ढाई हजार वापस करा उसका काम कराया जाए या रिश्वत के लिए उधार दिया जाए। अंबिकापुर एसडीएम फागेश सिन्हा का कहना है कि जनदर्शन में शिकायत मिली है। मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। मैकेनिक मुस्तकिम के इस आवेदन ने पूरे प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है। पेशे से मोटर मेकेनिक भू स्वामी मुस्तकीम ने कहा है कि रिश्वत के लिए उधार में मिलने वाली रकम को वह एक-डेढ़ माह में वापस कर देगा।

सवाल यह उठ रहा कि क्या इसीलिये छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ है। पुलिस पर शराब और गांजा बिकवाने का आरोप लग चुका इस तरह के और भी शर्मनाक मामले सामने आ चुके है छत्तीसगढ़ सरकार की जमकर फजीहत हो रही लोग पूछ रहे हे राम अब और क्या देखना बचा है।

