

बिलासपुर। नायब तहसीलदार और उसके इंजीनियर भाई से दुर्व्यव्हार और मारपीट कर झूठा केस बनाने को लेकर बवंडर मच गया है। कनिष्ठ अधिकारी संघ ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल कलेक्टर और एसपी की गैरमौजूदगी में उनके मातहत अफसर को शिकायत सौपकर थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की हैं।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में नायब तहसीलदार पुष्पेंद्र मिश्रा और उनके इंजीनियर भाई पुष्पराज मिश्रा के साथ पुलिस द्वारा मारपीट दुर्व्यवहार और झूठे केस में फंसाने की धमकी का मामला सामने आने के बाद कनिष्ठ अधिकारी संघ पुलिस के खिलाफ एकजुट हो गया।

ये बताई जा रही घटना
आरोप है कि गत 16 नवंबर की रात 2:10 बजे नायब तहसीलदार अपने पिता और भाई के साथ बाइक से स्टेशन से अपने निवास सरकंडा अशोक नगर लौट रहे थे। डीएलएस कॉलेज के पास पुलिस ने उन्हें रोका। गाली-गलौज और दुर्व्यवहार के बाद उन्हें थाने ले जाया गया। वहीं उनके इंजीनियर भाई ने थाने में पुलिस की हरकतों का वीडियो बनाने की कोशिश की, तो उनका मोबाइल छीन लिया गया और वीडियो डिलीट कर दिया गया। संघ ने कलेक्टर से बात कराने के बाद भी नायब तहसीलदार और उसके भाई को न छोड़ने और अपमानित करने को लेकर आक्रोश जताते हुए एसपी की अनुपस्थिति में डीएसपी हेडक्वार्टर को ज्ञापन सौंप सरकंडा थानेदार और पूरी घटना में उनके साथ रहे पुलिज़ कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने भी लगाया आरोप
आरोप पुलिस पर लगे है इधर पुलिस नायब तहसीलदार के इंजीनियर भाई पर गाली-गलौज करने और पुलिसकर्मियों को धमकाने का आरोप लगा रही। कहा जा रहा कि वे नशे में थे और उन्होंने थाने में हंगामा किया। पुलिस ने मेडिकल जांच का प्रयास किया, लेकिन इसका विरोध किया गया। सवाल यह उठ रहा कि आखिर सच क्या है। जो उचित जांच होने पर ही सामने आएगा कि आखिर हुआ क्या और क्यो।
कलेक्टर से शिकायत, फिर भी एफआईआर
नायब तहसीलदार के इंजीनियर भाई का कहना है कि उन्होंने रात में कलेक्टर अवनीश शरण को फोन कर पूरे घटना का ब्यौरा देकर उनसे सहयोग मांगा।। कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद सुबह 4 बजे उन्हें छोड़ा तो गया। लेकिन बाद में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दिया गया।

