

विलासपुर। क्षेत्र के व्यवस्थित विकास और आम नागरिकों को त्वरित मूलभूत सुविधा मुहैया कराने के दावे के साथ शुरू किया गया निगम का जोन कार्यालय विकास और मूलभूत सुविधा तो दूर बगल के रेन बसेरा के 10 पंखों का 4 माह में मरमत तक नही करा सका।
10 साल बाद भी निगम प्रशासन बेघर और दीगर प्रान्त व जिले भर से आने वाले आगन्तुको के रात बिताने के लिए एक व्यवस्थित रैन बसेरा तक की सुविधा नही दे सका।

व्यापार विहार के जर्जर पुराने आरटीओ बिल्डिंग के प्रथम तल में दिखावे के लिए 1 रैन बसेरा बनाया गया है जिसके संचालन का काम प्रियदर्शनी क्षेत्र स्तरीय संघ को दिया गया है। यह रेन बसेरा व्यापार विहार में निगम के जॉन क्रमांक 4 के दफ्तर के थी बगल काम्प्लेक्स में है। जहां बिस्तर के अलावा कोई सुविधा नही है और तो और पंखे तक नही है।

कहा गए 10 पंखे
इस रेन बसेरा की छत से 10 सीलिंग फैन लटक रहे थे। संचलक ने इनके ठप होने की सूचना जॉन कार्यालय में दी तो जॉन कमिश्नर ने सभी 10 पंखों को निकलवा दिए। पर जून-जुलाई माह में निकाले गए पंखे आज तक वापस नही आये। संचालक कई बार तकादा और पत्र व्यवहार भी कर चुके है।
क्या है रैन बसेरा
रेन बसेरा एक ऐसी सरकारी स्कीम है, जो शहर में आर्थिक कमजोर या कहीं से यात्रा कर के आए बेघर लोगों को मानसून और ठंड के मौसम में ठहरने की सुविधा देती है। इस योजना के तहत यहाँ आर्थिक रूप से कमजोर लोग मुफ्त में रह सकते हैं।
महिलाओं के ठहरने की अलग व्यवस्था
इस रैन बसेरा परिसर में रखरखाव के लिए 10-20 रुपये में महिला और पुरुषों के ठहरने की अलग-अलग व्यवस्था बनाई गई है। इसके अलावा भोजन की भी सुविधा है।
कौन ले गया टीवी
10 -12 साल पहले पुराने बस स्टैंड के राज्य परिवहन परिसर में जहां रेन बसेरा की शुरुआत की गई थी वहॉ दारू भट्टी और आहाता खुल गया। इसके बाद इस रेन बसेरा को गांधी चौक के सिटी डिस्पेंसरी के दो कमरे में खोला गया तब से यहां का बोरिया बिस्तरा सफर कर रहा है अब यह परिसर व्यापार विहार में संचालित है। वहॉ एक टीवी भी लगा था जिसे पता नही कौन ले गया।
ठहर रहे लोग
गुरुवार रात जब सीजीडीएनए की टीम रेन बसेरा का हालात देखने पहुँची तो वहाँ पामगढ़, नयापारा, देवरीखुर्द, पेंडारी, शिवरीनारायण, चारपारा, बड़े कनेरा, तिफरा, मल्हार और मुंगेली के 13 लोग ठहरे थे। रात में ठंड बढ़ने के कारण अब यहां ठहरने वालो के तादात बढ़ते जा रहे है।

