

बिलासपुर । भितरघात और टिकट वितरण को लेकर नक़राजगी के बाद भी पूर्व मंत्री और नगर विधायक अमर अग्रवाल का एफडीआर कांड और निगम व स्मार्ट सिटी के भ्र्ष्टाचार की जांच और कार्रवाई के दावे ने दांव ही पलट दिया। निगम और स्मार्ट सिटी में हुए करोड़ो नही अरबो के भ्रष्टाचार की जांच और कार्रवाई हर कोई चाहता है यही वजह की मतदाताओ ने नगर विधायक के इस दावे पर बम्पर वोट देकर भाजपा को बम्बर जीत दिलाने में कोई कसर नही छोड़ी।
सवाल यह उठ रहा कि भ्र्ष्टाचार के खिलाफ हुंकार भरकर आई भाजपा की नगर सरकार क्या स्मार्ट सिटी लिमिटेड में हुई 78 लाख रुपये के एफडीआर कांड और निगम व स्मार्ट सिटी लिमिटेड में हुई तमाम भ्र्ष्टाचार की क्या सचमुच जांच कराएगी क्योकि ज्यादातर भ्र्ष्टाचार में उनके पार्टी के जनप्रतिनिधि और उनके भाई बन्द और प्रतिद्वंदी पार्टी के नेता और उनके भाई भतीजे भी शामिल है।
सब सट्ट
भाजपा की नगर सरकार बनने के बाद एफडीआर कांड और निगम व स्मार्ट सिटी के अफसर और इससे जुड़े दोनो दल के नेता निमऊआ मांग रहे कि आखिर कहि फ़सड गए तो उनका क्या होगा।
ये है मामले-
0 93 करोड़ का श्रमिको के मेहनताने का एडवांस घोटाला
0 40-50 श्रमिको के फर्जी नाम से 4-5 धर्मिक रखकर सालो से फर्जीबाड़ा
0एफडीआर कांड का तो केवलं 1 मामला सामने आया है और कितने एफडीआर गायब है।
0कुत्तो के बन्ध्याकरण के नाम पर सालो से किया जा रहा फर्जीवाड़ा
0 लार्वा कंट्रोल के नाम से किया जा रहा फर्जीवाड़ा
0 सड़को पर पसरे मवेशियों की धरपकड़ के नाम से किया जा रहा फर्जीवाड़ा
0 सफाई के नाम पर निजी कंपनियों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाया जब रहा फर्जीवाड़ा
0 बिना अनुमति निर्मित आवासीय और व्यवसायिक भवनों के नियमितीकरण में हुये करोड़ो के खेल का
अब जनता देखेगी की आखिर पूर्व मंत्री व नगर विधायक के दावों में कितना दम है, जिसका दावा उन्होंने प्रेस वार्ता कर आरोप पत्र जारी कर किया था।
कुछ होगा या मीटर बन्द बिजली चालू जैसा कुछ होगा जनता देखेगी।

