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मिट्टी का समझा है क्या, टूटेगा नही ये है कबाड़ टायर के मजबूत गमले और सनफ्लावर की आकृति, निगम के वेल्डर कलाकार प्रदीप की एक और प्रस्तुति

बिलासपुर न सड़ेगा न टूटेगा और न फूटेगा नगर निगम के वेल्डर कलाकार प्रदीप विश्वकर्मा ने अब गाड़ियों के पुराने टायरों से ऐसे ही गमले तैयार किये है। इसका उद्देश्य जनसामान्य को कबाड़ और अनुपयोगी सामान का सदुपयोग और स्वच्छता व पर्यावरण का संदेश देना है।


लकड़ी से लेकर प्लास्टिक के बाटलो और पुराने टायरों से अपनी कलाकारी का जलवा दिखाने वाले इस कलाकार प्रदीप ने गाड़ियों के पुराने टायरों की कटिंग और रंग रोगन कर ऐसा ही गमला तैयार किया है। आप खुद इन तस्वीरों को देखिए ऐसे टायरों से गमले तैयार किये जा रहे।

टायर से सूरजमुखी का फूल भी


वेस्ट टायरों से सनफ्लावर बनाने का काम अभी जारी है, जिसे टायर के ऊपरी हिस्से को काटकर निकाला गया है।

1 गमले की लागत 700 रुपये

कलाकार श्री विश्वकर्मा ने बताया कि 200 रुपये टायर 100 रुपये कलर और 300 रुपये मजदूरी मिलाकर 600 से 700 रुपये 1 गमले में खर्च आ रहा है, पर ये लाइफ टाइम है चार मंजिल भवन से नीचे फेकने और तोड़ने से भी नही टुटेगा।
गमले की ये कलाकृति नगर निगम प्रशसन के आदेश पर स्वच्छता सर्वेक्षण और गार्डनों की सजावट के लिए बनाये जा रहे है।

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शैलेन्द्र पाण्डेय / संपादक / मोबाइल नंबर : 7000256145
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