0 डबल इंजन की सरकार का खर्चा भी डबल,
0 बंध्याकरण भी बढ़ रही और डॉग बाइट के वैक्सिनेशन भी

बिलासपुर नगर निगम प्रशासन लाखो रुपये मासिक खर्च करने के बाद भी 2 साल में शहर के आवारा कुत्तों का बंध्याकरण तक नही करा सकी। सवाल यह उठ रहा कि शहर में आवारा कुत्तों की तादात आखिर है कितनी। क्या कुत्तों की नसबंदी के नाम पर भी बड़ा खेल हो रहा और यदि नही तो नगर के अलग अलग इलाके में छोटे पिल्ले कैसे नजर आ रहे। क्या इनके साथ भी नसबंदी कांड हो गया।

रिटायरमेंट के ठीक पहले निगम के तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओंकार शर्मा ने बताया था कि सर्वे के मुताबिक शहर के विभिन्न इलाकों में लगभग 20 हजार आवारा कुत्ते है।
शहर का दायरा इनके लिए भी बढा है यानि आवारा कुत्तों की तादात भी लगभग दोगुनी हो गई।
पिछले 2 साल से हर माह 400 से 700 से अधिक कुत्तों की नसबंदी के बिल का भुगतान नई प्रशासन के द्वारा किया जा रहा।
निगम के रिकार्ड की माने तो मई 2024 में 736 आवारा कुत्तों की नसबंदी के 8 लाख के बिल का भुगतान किया गया है। इसी तरह जून माह में 472 आवारा कुत्तों की नसबंदी के 5 लाख 16 हजार रुपये के बिल का भुगतान किया गया। बताया जा रहा कि ठेका फर्म गोकुल नगर में शहर भर से पकड़कर लाये गए आवारा कुत्तों की नसबंदी कर रहा। बीच-बीच मे निगम के जालीदार वाहन में कुत्तों को ले जाते देखा भी गया पर सवाल यह उठ रहा कि जब कुत्तों की नसबंदी हो रही तो फिर सड़को पर आवारा कुत्तों के पिल्ले कैसे दिख रहे सव्व्वल तो उठ रहा कि क्या कुत्तों की नसन्दी फेल हो गई या इसके नाम पर सिर्फ बड़ा खेल हो रहा।
मघ्यनगरी चौक

आवारा कुत्तों के पिल्लों की यह पहली तस्वीर मध्यंगरी चौक के एक दुकान के बन्द शतर के सामने की है।
पम्प हाउस रोड

कुत्ते के पिल्लों की ये दूसरी तस्वीर भी है जो सर्किट हाउस के पिछले गेट यानि नगर निगम के पम्प हाउस रॉड की है। आप खुद देखिए कैसे ये पिल्ले सड़क पर खुद फांद मचा अपनी माँ से खेल रहे है।

