

बिलासपुर।नवरात्र पर्व के दौरान बिलासपुर सेंट्रल जेल के कैदी नवीन निर्मलकर पर नुकीले हथियार से हमले का मामला सामने आया है। इस घटना ने न सिर्फ जेल प्रशासन बल्कि समय समय पर यहां होने वाले निरीक्षण पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए कि आखिर। जेल नुकीला हथियार आया कहा से। घायल कैदी के परिजनों ने जेल प्रशासन पर अवैध वसूली और बंदियों को जबरिया परेशान करने समेत कई गंभीर आरोप लगाते हुए मामले के निष्पक्ष जांच की मांग की है।
उल्टे घायल को सेल में बन्द कर दिया
नवीन के भाई तारन निर्मलकर ने बताया कि हाल ही में उसके भाई नवीन को सिरगिट्टी पुलिस ने नशीली दवाओं की बिक्री के मामले में गिरफ्तार कर उसे न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा है। नवीन घटना के दिन जेल के हाल में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कार्यक्रम में था।इसी दौरान हत्या के आरोप में जेल में बंद लोकेश तिवारी ने उस पर नुकीले हथियार से नवीन पर हमला कर दिया। जेल प्रशासन ने हमलावर लोकेश पर कार्रवाई करने के बजाय उल्टे घायल नवीन को बतौर सन्यास सेल में बंद कर दिया।
जेल में अनिल सिंह का जलवा
कहते है फिल्में अतीत का आईना होती है घायल के भाई टार्न की माने तो जेल प्रशासन की मिलीभगत से अंदर कैदियों को परेशान किया जा रहा । उसने आरोप लगाते हुए बताया कि अपहरण के मामले में सजा काट रहे अनिल सिंह को जेल में विशेष छूट दी गई है। इसका फायदा उठा अनिल अन्य कैदियों को धमका उनसे अवैध वसूली करता है। तारण का यह भी दावा है कि अनिल सिंह की शह पर लोकेश जैसे अन्य बंदी भी कमजोर कैदियों से मारपीट और दमन करते हैं।
जेल के अंदर फिल्मों की तर्ज पर माफिया राज चल रहा। जिससे आम बंदियों में आक्रोश है जो कभी भी फूट सकता है कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है।
कलेक्टर से शिकायत, जांच की मांग…
नवीन के भाई तारण निर्मलकर ने इस पूरे मॉम्ले को लेकर कलेक्टर को सौपे गए आवेदन में जेल प्रशासन पर और भी कईं गम्भीर आरोप लगा निष्पक्ष जांच और नवीन पर हमला करने वाले लोकेश तिवारी और उसे शह देने वाले अनिल सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यदि प्रशासन इन आरोपो की जांच कराता है तो और भी बड़े खुलासे हो सकते है।
तो डीजी जेल तक जाएंगे
नवीन के परिजनों का आरोप है कि अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो वे इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे। जेल में यह घटना जेल प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। जो यहां रह रहे बंदियों और उनके परिजनों के लिए चिंतनीय है।

