0 सहायक शिक्षिकाओं ने छोटे- छोटे बच्चों के साथ रिवर व्यू-2 में डाला डेरा
0 चार दिन में यात्रा कर सरगुजा से पहुचे थे बिलासपुर

बिलासपुर। हाईकोर्ट के हालिया आदेश के बाद 2500 बीएड अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर करने से छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर बीएड और डीएड अभ्यर्थियों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। इसी के विरोध में बीएड अभ्यर्थियों ने सरगुजा से रायपुर तक अनुनय यात्रा निकाला । 4 दिन में छोटे बछो को लेकर बिलासपुर तक पहुचे इन अभ्यर्थियों को जिला प्रशासन ने आगे के यात्रा की अनुमति नहीं दी। वे मुख्यमंत्री के समक्ष न्याय की गुहार लगाने राजधानी रायपुर जाने निकले थे।
सरगुजा संभाग से शुरू हुई यह यात्रा सोमवार को बिलासपुर पहुंची। यात्रा को प्रशासन ने पहले अनुमति दी थी, लेकिन बाद में उसे निरस्त कर दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई से नाराज अभ्यर्थियों ने अपनी यात्रा को जारी रखने की मांग की। उनका कहना है कि राज्य सरकार के अधीन डेढ़ साल तक सेवाएं देने के बावजूद उन्हें अब न्यायपालिका के आदेश के चलते हटाया जा रहा है। इससे उनके सामने आजीविका का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
बीएड अभ्यर्थियों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार को जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान निकालना चाहिए। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि उनका विरोध शांतिपूर्ण है, लेकिन यदि उनकी आवाज अनसुनी की गई तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
हाई कोर्ट का आदेश: डीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिकता
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए प्राथमिक शिक्षक पद के लिए केवल डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) अभ्यर्थियों को पात्र माना है। कोर्ट ने यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति और शिक्षा के प्राथमिक स्तर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया।
बीएड (बैचलर इन एजुकेशन) अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है, क्योंकि कोर्ट का मानना है कि प्राथमिक शिक्षा के लिए डीएड अभ्यर्थी अधिक उपयुक्त हैं। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह डीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देते हुए भर्ती प्रक्रिया पूरी करे।
इस फैसले के कारण बीएड अभ्यर्थियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वे पिछले डेढ़ साल से सहायक शिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे थे। अब इस फैसले के बाद उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस फैसले से उनके करियर और आजीविका पर सीधा असर पड़ा है।

