
0शेष दो मंजिल के लिए चल रहा डिस्कवरी ऑफ किरायेदार
0 प्रथम तल का 60 फिर 50 रुपये स्क्वेयर फ़ीट किराया

बिलासपुर। पद के दुरुपयोग और अफसर व नेताओ के गठजोड़ का बेजोड़ नमूना देखना है तो चले आईए न्यायधानी के नगर निगम बिलासपुर। भवन शाखा अधिकारी ने न तो एक इंच जगह छोड़ी न स्वीकृत नक्शे का पालन किया पेंट हाउस दर्शा तीसरी मंजिल पर भी लेंटर ढलवा दिया वो भी बीडीए द्वारा आबंटित आवासीय पट्टे के भूखण्ड पर या तो सम्भागीय मुख्यालय में उससे बड़ा कोई अफसर नही या सबकी मौन सहमति है। तभी तो डंके के चोट पर ऐसा खुला खेल चल रहा। 624 रुपये सालाना भू-भाटक वाले इस बेशकीमती भूखण्ड के एक खण्ड का मासिक किराया 70 रुपये स्क्वेयर फ़ीट के हिसाब से 1 लाख 60 हजार तक पहुच जा रहा।
कुल मिलाकर टका सेर भाजी और टकासेर खाजा जैसा ही चल रहा। सीजीडीएनए की टीम ने मृतप्राय सिस्टम को जगाने 13 खबर लगाई पर स्वर्ग से सुंदर कम्पनी के तकिया के कारण किसी नई निद्रा नही टूटी।

सवाल यह उठ रहा शोषल मीडिया का जमाना है। नेता अफसर सब जुड़े है खबरों को देख रहे पर किसी ने इस ब्लंडर दबंगई पर कोई एक्शन नही लिया। आईबी है एलआईबी भी दावा किया जा रहा कि सोशल मीडिया पर विशेष नजर रखी जा रही पर घण्टा कुछ नही हो रहा।

ये तो तय है कि रोज के अखबारों के संवेदनशील खबरों की कटिंग और सोशल मीडिया में चल रही ऐसी खबरों के स्क्रीन शॉट राजधानी के जिम्मेदार अफसरों से लेकर सीएम हाउस तक भेजी जा रही पर पता नही कौन सा अलसी का तेल पेरा रहे कि सट्ट से फिसल जा रहा।
क्या बेरोजगार युवाओं के लिए भी है ऐसी कोई स्किम
भवन शाखा अधिकारी का यह चर्चित भवन युवाओ के आकर्षण का मुख्य केंद्र बनकर रह गया है। लोग पूछ रहे कि क्या उन्हें भी इसी दर पर लीज में कोई जगह मिल सकती है या ये स्किम सिर्फ जॉनी के लिए है।
जलवा मुख्तार सिंह का
राजधानी तो दूर शहर के नेता तक इस मामले में कुछ बोलने तैयार नही है। मुख्तार सिंह जैसा माहौल है। यकीन मानिए बाबा भुसरूंग को लेकर कई कॉल्स आये किसी ने अपना दुखड़ा सुना प्रशासन को कोसा कि जो भवन बने नही उनका नियमितीकरण कर दिया हमारा रोक दिया, तो किसी आगे पीछे जगह न छोड़ने पर परेशान करने की बात कही पर कोई सामने नही आया कोई सीजीडीएनए की माइक पर बोलने तैयार नही हुए, लेदेकर दो नेता तैयार हुए आप ही सुन लीजिए वे क्या कह रहे…

