0 3 साल 3 महीने बाद मिला अधिवक्ता को मिला न्याय
0 जीआरपी और रेल प्रशासन ने नही सुना तो अधिवक्ता ने खटखटाया आयोग का दरवाजा

बिलासपुर। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग बिलासपुर ने रेलवे के एसी कोच में यात्रा के दौरान अधिवक्ता के बैग चोरी के मामले में रेल प्रशासन के खिलाफ फैसला देते हुए पीड़ित उपभोक्ता को चोरी गए माल का 75 फीसदी हर्जाना और 10 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति देने आदेश दिया है।
शहर के अधिवक्ता कवर पाल सिंह गांधी गत 15 अक्टूबर 2021 को जम्मू तवी दुर्ग एक्सप्रेस के एसी कोच में पठानकोट से बिलासपुर रेलवे स्टेशन आने परिवार सहित यात्रा कर रहे थे। यात्रा के दौरान शहडोल और पेंड्रारोड स्टेशन के बीच उनका कीमती सामान से भरा हैंड बैग चोरी हो गया। यहाँ पहुचने पर उन्होंने बिलासपुर जीआरपी में रिपोर्ट भी कराई पर न तो जीआरपी ने कोई कार्रवाई की और न ही रेल प्रशासन ने परिवादी उपभोक्ता ने आयोग के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया। रेल प्रशासन की ओर से पक्ष रखा गया कि रेलवे तभी जिम्मेदार होता है जब यात्री मूल्यवान सामान लेकर यात्रा करने की घोषणा करता है। यह आवश्यक है, चूंकि यात्री ने इसकी घोषणा नही की थी इसलिए रेल प्रशासन जिम्मेदार नही है।
आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन का हवाला देते हुए कि कोच कंडेक्टरों को वातानुकूलित शयनयान में रात के 10 से सुबह 6 बजे तक निगरानी करने के निर्देश और अनाधिकृत व्यक्ति के प्रवेश को लेकर कहा कि कोई भी व्यक्ति वातानुकूलित शयनयान में इसलिए सफर करता है ताकि नुयनतम सुरक्षा और संरक्षा हो ऐसे में शयनयान से चोरी और दर्ज एफआईआर के आधार आयोग ने रेल प्रशासन को परिवादी को चोरी गए 50 हजार के मूल्यवान सम्पति का 75 %राशि और 10 हजार मानसिक
क्षतिपूर्ति के भुगतान का आदेश दिया है।

