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सीएमएचओ ने कहा 3 नो कमेटियों की जांच रिपोर्ट आ गई, चूंकि डॉ चौधरी क्लास वन इसलिए कवरेज एरिया से बाहर शासन करेगी कार्रवाई

बिलासपुर। एसकेबी हॉस्पिटल कांड की तीन टीमो ने जांच कर ली। फाल्ट भी पाया गया लेकिन जिला से निजी अस्पताल लेजाकर मरीज का उपचार करने वाली डॉक्टर क्लास वन है, मामला कवरेज एरिया का बाहर बता सीएमएचओ ने रिपोर्ट संचालक को भेज दी। वे कह रहै कि अब जो भी कार्रवाई होगी वही से होगी।

गौरतलब है कि गत 6 जनवरी को तखतपुर क्षेत्र के ग्राम लाखासर निवासी ग्रामीण ने अपनी बेटी को नसबंदी के लिए जिला अस्पताल में डॉ वंदना चौधरी से परीक्षण कराने और परीक्षण के बाद डॉ द्वारा उन्हें जरहभाटा एसकेबी होस्पिटल भेजने और वहां केस बिगड़ने पर जिला अस्पताल और वहां से अपोलो भेजने और इलाज में 7 लाख रुपये का खर्च आने की शिकायत कलेक्टर, एसपी सीएमएचओ और मंत्री विधायको को शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई थी

कि जो तकलीफ और पीड़ा उनके परिवार को भोगनी पड़ी वो और किसी को न भोगनी पड़े इसलिए अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई थी।
मामले के लूल पकड़ने पर सीएमएचओ ड़ॉ प्रमोद तिवारी ने 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए, वही नर्सिंग होम एक्ट के तहत एसकेबी हॉस्पिटल के निरीक्षण के दौरान कई खामियां सामने आने पर इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए एसकेबी अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर को आगामी आदेश तक सील किया गया।


इधर सीएमओ ने 3 नो कमेटियों की रिपोर्ट आने के बाद कई खामियां आने पर रिपोर्ट को आगे की कार्रवाई के लिए संचालक को भेज दिया। उनका कहना है कि सिविल सर्जन ने अपनी रिपोर्ट में डॉ वंदना चौधरी द्वारा मरीज को निजी अस्पताल में लेजाकर ऑपरेशन करने को गलत बताया है।


सरकारी सिस्टम पर उठे सवाल
डॉ वंदना चौधरी जिला अस्पताल की क्लास वन अफसर है, सवाल यह उठ रहा कि फिर उनसे कैसे इतनी बड़ी चूक हो गई, आरोप है कि नसबंदी ऑपरेशन के दौरान उन्होंने महिला की आंत को ही काट डाला जिससे उसकी हालत बिगड़ गई, तो क्या जिला अस्पताल के डॉक्टर को नसबंदी ऑपरेशन तक करना नही आता।

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शैलेन्द्र पाण्डेय / संपादक / मोबाइल नंबर : 7000256145
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