
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के ग्राम लोफंदी में हुई 7 मौतों को ज़हरीली शराब से ना होने के का संदेश देने शासन -प्रशासन ने पूरा जोर लगा दिया! कारण इतने गिनाए, कि लोग कंफ्यूजिया गए ! ताज्जुब की बात यह है कि किसी की मृत्यु सर्प दंश, मछली पकाकर खाने तो किसी की कार्डिएक अरेस्ट से होना बताया जा रहा ! वो भी महज कुछ ही घंटों में सवाल यह उठ रहा है! कि बिलासपुर और छत्तीसगढ़ में इतने बड़े बड़े कांड हुए जिनकी रिपोर्ट आज तक सामने नही आई नसबंदी कांड में तो कभी दवाइयों का सेम्पल फेल होने, तो कभी चूहा मार दवा के मिलावट तो कभी इंफेक्शन से मौत की खबरे आती रही! इतनी जल्दी लोफन्दी में हुई मौतों के कारणों का खुलासा करने की वजह कही चुनावी मौहोल तो नही है! क्या लोगो को जान चुनाव से सस्ती हो गई है!
ये है मृतक
1. कन्हैयालाल पटेल पिता चैतराम पटेल उम्र 60 वर्ष
2. शत्रुहन देवांगन पिता महेत्तर देवांगन उम्र 40 वर्ष
3. बलदेव पटेल पिता छेदीलाल पटेल उम्र 52 वर्ष
4. कोमल प्रसाद लहरे पिता गया राम लहरे उम्र 56 वर्ष
5. रामूराम सुनहले पिता बबईस सुनहले उम्र 59 वर्ष
6. कुन्नू देवांगन (नान्हु) पिता बाबा देवांगन उम्र 35 वर्ष
7. देव कुमार पटेल पिता चैतराम पटेल उम्र 45 वर्ष
ये बताई जा रही वजह
0 पहली वजह श्रवण देवांगन के घर पर 3 से 6 फरवरी के बीच हुई, सामूहिक भोज के खान पान को बताया जा रहा है!
0 दूसरी वजह नदी से मछली पकड़ने और वही पकड़कर खाना बताया जा रहा है!
वही मृतक देव प्रशाद के मौत की वजह सर्प दंश बताई जा रही है!
0 7 और 8 फरवरी को रामु राम सुनहले कोमल लहरे कन्हैया पटेल, बलदेव पटेल, एवं कुन्नू देवांगन, की मौत हुई, इसमे बलदेव की मौत निजी अस्पताल में कार्डियेक अरेस्ट से होना बताया जा रहा है! इतना ही नही मृतयु प्रमाण पत्र में इसका उल्लेख होने की बात कही जा रही है।
तो क्या मृतयु प्रमाण पत्र लेकर मरे मृतक
कीआज 9 फरवरी है! कल 8 तारिख की रात ही सरकारी माध्यम से सूचना जारी की गई, जिसमे मृतक बलदेव पटेल की मौत का कारण मृत्यु प्रमाण पत्र में कार्डियक अरेस्ट से होने का उल्लेख होना बताया जा रहा है! सवाल यह उठ रहा है! कि क्या कल ही तत्काल मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया!
पुलिस और आबकारी महकमे पर लगे गंभीर आरोप
निजात और प्रहार अभियान के बाद भी शहर और गांव का ऐसा कौन सा इलाका है! जहाँ नशे का अवैध कारोबार संचालित नही है! जिस लोफंदी ग्राम में ये 7 मौते हुई है! उस लोफंदी और आसपास के गावो लमेर, घुटकू, गनियारी समेत दर्जन भर गावो के कई घरों में कई सालो से महुआ की कच्ची शराब का अवैध कारोबार धडल्ले से चल रहा है! ग्रामीण चीख चीख़ कर स्थानीय पुलिस पर अवैध शराब बिकवाने और अवैध वसूली का आरोप लगा रहे है!
तो क्यों खुला था आबकारी कार्यलय
जब जहरीला शराब से मौते ही नही हुई तो फिर क्यों शनिवार को अवकाश और निर्वाचन कार्य के बावजूद आखिर महकमे का दफ्तर खुला रहा, इसको लेकर भी सवाल उठ रहे है!
और क्या आहुति लेगी ये चुनाव
निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के कारण यूनिवर्सिटी की परीक्षा टाल दी गई, प्रतियोगी परीक्षाओ के तारीख आगे बढ़ाने पड़े, सात, सात जाने चली गई! अब और क्या होगा कैसे इन सब को रोका जाएगा, ये बड़ा सवाल है!
आखिर किसके इशारे पर हो रहा खेल
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया पर हालात नही बदले, इतनी बड़ी घटना के बाद सर्प दंश, हार्ट अटैक और अन्य बीमारिया गिनाई जा रही है! जो लोगो के गले से नही उतर रही है!

