
0 सीएम की नाराजगी के बाद दावा हालात में सुधार का
बिलासपुर। पूरे देश मे वन नेशन वन इलेक्शन की गूंज के बीच छत्तीसगढ़ के बिलासपुर तहसील में त्रुटि सुधार को लेकर फजीहत की स्थिति है। किसी के मकान का बी-1 खसरा पड़ोसी के नाम चढ़ जा रहा तो किसी के जमीन का रकबा बढ़ जा रहा वही एक किसान के खेत के रिकार्ड में तो नलकूप दिखाया जा रहा जो कभी था ही नही। हलाकान लोग पैसा देकर तहसील कार्यालय के सालों से चक्कर काट रहे है। खून के आँसू रो रहे है।
पैसा और मामा ससुर ने कराया काम-
सरकंडा जबड़ापारा के सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि उन्हें.अपना मकान बेचकर अपने गृह प्रदेश जाना था। मकान को बेचने खसरा बी- 1 निकाला तो पता चला कि उनके मकान का खसरा बी-1 पड़ोसी के नाम पर रिकार्ड में चढ़ गया है। उन्हीने sdm और कलेक्टर से शिकायत की। कलेक्टर ने त्रुटि सुधार का आदेश दिया पर कम्प्यूटर ऑपरेटर ने ऑनलाइन नही चढ़ाया आर आई पटवारी से आग्रह किया पर बात नही बनी। एक आरआई से रिश्तेदारी निकाल उन्हें मामा ससुर बनाया 5 माह के चक्कर और 10 हजार का चढ़ावा चढ़ाया तब काम हुआ और उन्हें अपने मकान को बेचने का अधिकार मिला।

0 2081 वर्गफुट का प्लाट हो गया 2152 वर्गफुट-
इसी तरह का दूसरा मामला नगर निगम के रिटायर्ड इंजीनियर एस के दनौरिया का है रिटायर्ड इंजीनियर श्री दनौरिया ने बताया कि मंगला के खसरा नम्बर 1145 में उनके स्वामित्व की 2080 वर्गफुट का भूखण्ड है। ऑनलाइन रिकॉर्ड निकालने पर उनका रकबा बढ़कर 2152 वर्गफुट हो गया महीनों से इसे सुधरवाने वे sdm तहसीलदार आर आई और पटवारी के चक्कर काट रहे है।
और रिकार्ड में दिखा दिया नलकूप-
3 रा मामला बेलतरा तहसील के ग्राम खैरा डगनिया का है। यहां के एक किसान ने अपनी जमीन को बेचने जब ऑनलाइन खसरा बी-1 निकाला तो रिकार्ड में भूमि पर पम्प होना बताया जबकि किसान का कहना है कि उनके खेत मे कभी बोर हुआ ही नही।
सीएम जता चुके नाराजगी-
मुख्यमंत्री श्री साय ने हाल ही में राजस्व विभाग के कामकाज और रवैये को लेकर तल्ख नाराजगी जाहिर करते हुए त्रुटि सुधार के काम को दुरुस्त करने निर्देश दिया है। इसके बावजूद तहसील और पटवारी कार्यालयी में त्रुटि सुधाड़ के लिए लोगो की भीड़ उमड़ रही।
0क्या प्रशिक्षण की जरूरत है-
चुनाव में बैलेट मतदान के मतों की गणना के दौरान ये बात खुलकर सामने आ गई कि सरकारी स्टाफ को प्रशिक्षण की जरूरत है। क्योकि 30 से 40 परसेंट उन कर्मियों के वोट त्रुटि के कारण निरस्त कर दिए गए जिनकी ड्यूटी मतदान में लगी थी। वो भी तब जब उन्हें 4 चरणों मे प्रशिक्षण दिया गया।
0गन्दा है पर धंधा है-
जमीन और मकानों की खरीदी बिक्री कभी न रुकने वाली प्रक्रिया है। इसमें त्रुटि नाम का कंटक उनकी कमाई का बड़ा जरिया है। हर काम का चढ़ावा तय है कई पटवारी तो कहते है इतने की समाप्ति है इतना परसेंट खर्चा लगेगा।
0 डायवर्सन के लिए 30 हजार का चढ़ावा-
श्री शर्मा ने बताया कि मामला जब रजिस्ट्री में डायवर्सन के लिए अटका तो फिर 30 हजार का चढ़ावा चढ़ाना पड़ा तब काम हुआ।
0 और sdm कह रहे-
ऑफ लाइन को ऑनलाइन करने की वजह से लिपिकीय त्रुटि के कारण ऐसा हो सकता है। सरकार ने अब त्रुटि सुधार का अधिकार तहसीलदार को दे दिया है। पटवारी भी भुइयां पोर्टल से सुधार कर सकते है और कर रहे है। 3000 में से 2000 प्रकरण निराकृत कर दिए गए है करीब हजार भर आवेदन ही लंबित है।
पीयूष तिवारी
एसडीएम बिलासपुर

