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इसको कहते है, गुड़ खाये गांगुर अउ मार खाये टुकना, स्पेरो भागा टेक्स पेयरो पर अब निगम चला रहा भारी भरकम यूजर चार्ज का डंडा…

बिलासपुर,,, नगरीय प्रशासन विभाग के अफसरों और नेताओं में इतनी हिम्मत नही कि 6 साल में टैक्स वसूली और शहर के टैक्स दाता भवनों डेटा गायब कर बिलासपुर निगम को करोड़ो की चपत लगाने वाले रांची के ठेका फर्म स्पिरो लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर करा सके! स्थानीय प्रशासन उल्टे नागरिकों पर 6 साल का भारी भरकम यूजर चार्ज वसूली के डंडा कर रहा जिससे जनाक्रोश बढ़ता जा रहा! लोगो की नाराजगी भारीभरकम यूजर चार्ज को लेकर है! उनका कहना है! कि साल भर का टैक्स 25- 26 हजार है! जबकि उनके विवाह घरो और दुकानों का यूजर चार्ज टैक्स की राशि से भी डबल है! ये नगर निगम प्रशासन और ठेका फर्म की गलती है! इसका खामियाजा वे क्यो भुगतें!


                  सन 2017-18 में  राज्य शासन ने बिलासपुर नगर निगम के राजस्व अमले की वसूली टारगेट के 91 फीसदी के आसपास होने के बावजूद अन्य निकायों के साथ बिलासपुर नगर निगम सीमा क्षेत्र की राजस्व वसूली का ठेका 7 फीसदी कमीशन पर रांची के सपेरो सॉफ्टेक फर्म को सौप दी थी! राजस्व अमले की बेगारी के बाद भी लक्ष्य के मुताबिक वसूली  न होने पर स्थानीय निकाय ने पिछले साल कम्पनी का डेरा डंडा समेटा तो कम्पनी के कर्ताधर्ता राजस्व वसूली का डेटा और टेक्स पैयरो का डिटेल ले भागे! नतीजतन निगम प्रशासन को नए सिरे से भवनों का सर्वे कराना पड़ा!
       अभी भी आलम यह है! कि यदि आप पुरानी रसीद लेकर जाएंगे तभी आप के टैक्स का निर्धारण कर आपको डिमांड दिया जाएगा! यदि रसीद नही है तो कोई अब भी कोई माईबाप नही है!


दावा 91 प्रतिशत वसूली का


निगम के राजस्व विभाग की माने तो वित्तीय वर्ष 2024-25 में 31 मार्च तक 1 लाख से अधिक संपत्तियों से 61 करोड़ के राजस्व वसूली के लक्ष्य पर 55 करोड़ की वसूली की जा चुकी है! अभी भी टैक्स वसूली का काम जारी है! इतना ही नही नए सर्वे के बाद  वित्तीय वर्ष 2025-26 में टेक्सदाता भवनो की संख्या में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी का दावा भी किया जा रहा है!


यूजर चार्ज है कि हिस्सा, आक्रोश


निगम ने जिस रांची की कम्पनी को टैक्स वसूली का ठेका दिया उसने अपना टारगेट पूरा करने यह कहकर टैक्स की वसूली कर ली कि यूजर चार्ज मो गोली मारो टैक्स ही दे दो!इसमें भी बहुत घालमेल की खबरे आई पर निगम प्रशासन ने उस समय चू चा नही की! अब कम्पनी के यहां से कामकाज समेटकर भागने के बाद निगम प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने टैक्स पेयरो पर 5-5, 6-6 साल के भारी भरकम यूजर चार्ज जमा कराने दबाव बना रहा है! जिससे नागरिकों में आक्रोश है! लोग पूछ रहे कि ये यूजर चार्ज है! या हिस्सा मांग रहे है!


इतनी हिम्मत तो दिखाई


निगम के जिम्मेदार अफसर कह रहे कि 7-8 हजार सम्पत्त्तीकर में गड़बड़ी पाई गई है। इनमे से सर्वे कराकर 4-5 हजार प्रकरणों को दुरुस्त कर लिया गया है. 3 हजार के करीब सम्पत्ती ब्लॉक है उनमें सुधार किया जा रहा, जो पुरानी रसीद दिखा रहे उनसे टैक्स लिया जा रहा। सपेरो की अमानत राशि को राजसात करने शासन से पत्राचार किया गया है। अमानत  राशि कितना है देखना पड़ेगा!


फिर भी ढिंढोरा…


कहते है कि झूठ के बाजार में सच ज्यादा दिन नही चलता वो सही साबित हुआ! निगम के अफसर ऑनलाइन घर बैठे टैक्स का भुगतान करने दावा कर रहे थे, और खुद का बैलेंस अनबैलेंस है! तभी तो रसीद होने पर ही टैक्स लिया जा रहा!रसीद न होने पर अफसर स्टाफ सब हाथ खड़े कर दे रहे है!

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Santosh Shriwas