
0 सम्भागीय मुख्यालय के कलेक्ट्रेट में दिखा बाल श्रम का खुल्ला उल्लंघन
0हद हो गई हद, बाल श्रमिकों से करा रहे कलेक्ट्रेट के दीवारों की घिसाई

बिलासपुर,,,,पता नही जिले के श्रम विभाग के अफसर कौन कम्पनी का तकिया लगा सो रहे कि प्रशासन की फजीहत कराने आमादा है। ये तस्वीरें सम्भागीय मुख्यालय के कलेक्ट्रेट का है जहां ठेकेदार बाल श्रमिकों से कलेक्ट्रेट की दीवारों की घिसाई और रंग रोगन करा रहे। न ठेकेदार को इस बात का खौफ है न श्रम विभाग के जिम्मेदार अफसरों को।
इस घटना ने जाहिर कर दिया कि श्रम विभाग का पूरा काम बैनर पोस्टर और इसका भय दिखा निजी संस्थानों से उगाही तक ही सीमित रह गया है। तभी तो सबको बाल श्रम कानून का पाठ पढा हड़काने वाले श्रम विभाग को कलेक्ट्रेट और कलेक्ट्रेट के जिम्मेदार अफसरों को ये नही दिखा जिसे देख आमजन स्तब्ध रह गया और मीडिया ने इसे अपने कैमरे में कैद कर लिया। क्या विभाग के अफसरों को नही पता कि बाल मजदूरी को दंडनीय अपराध है! फिर इतनी बड़ी चूक हो कैसे गई वो भी कलेक्ट्रेट में। जैसे ही मीडिया का कैमरा चमका ठेकेदार का कर्मचारी अलर्ट हो गया और उसने बच्चों को मौके से रवाना कर दिया। इन बाल मजदूरों से जब उनका आधार कार्ड मांगा तो वे घर मे है कहकर अपना चेहरा छिपाने लगे। इन बच्चों ने खुद अपनी उम्र 13 से 15 वर्ष के बीच होना और रतनपुर के आसपास का बताया ।

गलती मिस्टेक नही ब्लंडर है
ठेकेदार के हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी जिसने न सिर्फ बाल श्रमिक को कलेक्ट्रेट के इस खतरनाक काम पर लगा रखा था, बल्कि सुरक्षा नियमों की परवाह तक नहीं की। ठेकेदार के श्रमिक ऊंचाई पर बगैर हेलमेट और सेफ्टी बेल्ट के रंग रोगन करते दिखे।
क्या इतने बड़े ब्लंडर का भी कोई दोषी नही
कलेक्ट्रेट परिसर में बाल श्रम बेहद आश्चर्यजनक और निदनीय है। सवाल यह उठ रहा कि क्या इतनी बड़ी फजीहत के बाद भी ठेकेदार और श्रम विभाग के जिम्मेदार अफसरों पर कोई कार्रवाई की जाएगी या फिर मामले को जांच के पानी का छींटा मार ठंडा कर इन्हें बख्श दिया जाएगा ।

