
0 अफसरों और स्टाफ कर साथ मिली भगत कर ओरिजनल को निकाल जमा करा दिया फोटो कॉपी
0 काम पूरा होने से पहले ठेकेदार ने बैंक से भुना लिया एफडीआर

बिलासपुर । 77 लाख के एफडीआर गफलत के मामले में ठेका कंपनी और जिम्मेदार स्टाफ पर कार्रवाई करने के बजाय उदार निगम प्रशासन ने सबको बख्श दिया। इतने बड़े धोखाधड़ी के बावजूद एफआईआर तक नहीं कराई। अब ठेकेदार पर 16 लाख का जुर्माना ठोंकने की बात कही जा रही है।
मामला महाराणा प्रताप चौक नाला निर्माण का बताया जा रहा है सन 2023 में इसका काम कमल सिंह नामक ठेकेदार को मिला ।

ठेकेदार ने इस काम के एवज में निगम में 77 लाख एफडीआर जमा कराया इसके बाद ठेकेदार ने विभागीय अफसर और बाबू से साथ मिलकर काम पूरा कराने से पहले ही ओरिजिनल एफडीआई को निकाल उसकी फोटोकॉपी जमा कर दी और ओरिजिनल एफडीआर पेश कर बैंक से रकम आहरण कर लिया। मामला सामने आने के बाद निगम प्रशासन ने मामले में जांच भी कराई और मामला सही नहीं पाए जाने पर एफआईआर कराने के बजाए ठेकेदार और इस गफलत में शामिल स्टाफ को बाला बाला छोड़ दिया गया । हालांकि ठेकेदार के खिलाफ 16 लाख रुपए की पेनाल्टी और बैंक के खिलाफ आरबीआई को कार्रवाई के लिए पत्र भेजने की बात कही जा रही है।
बड़े संकेत के बाद भी उदारता?
77 लाख के एफडीआर गफलत का मामला सामने आने के बाद यह बात खुलकर सामने आ गई कि कैसे एफडीआर के नाम पर फार्मेलिटी कर निगम में करोड़ो का खेल हो रहा है। यदि सख्ती से इसकी जांच कराई जाए तो करोड़ो के गफलत का खेल सामने आएगा ।

