

बिलासपुर।आपसी खींचतान के कारण भारतीय जनता पार्टी का संगठनात्मक ढांचा खड़ा नहीं हो पा रहा। तय कार्यक्रम के तहत 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की जानी थी जो अभी तक नही हो सकी। जाहिर है कि जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में भी विलम्ब होगा। दिलचस्प बात यह है कि अबकी बार जिले में एक नही बल्कि 2 जिला अध्यक्ष बनाने की कवायद चल रही है।
इस बार मंडलों की संख्या भी बढ़कर 25 से 29 हो गई है। 4 नए मंडल बढ़ाये गए है। बताया जा रहा कि संगठन की दृष्टि से 6 विधानसभा वाले बिलासपुर जिले में इस बार 1 नही 2 जिलाध्यक्ष बनाने की चर्चा है। मंत्री विधायक अपने लोगो को संगठन में बिठाने गोटी बिछाने में लगे है ताकि संगठन में उनका दबदबा रहे। यही वजह है कि कोटा मस्तूरी बेलतरा या या बेलतरा मस्तूरी और बिल्हा को मिलाकर संगठन की दृष्टि से जिले में दो जिलाध्यक्ष बिठाने कवायद की जा रही। बताया जा रहा कि ऊपर से मिले निर्देश के बाद संगठनात्मक तौर पर ऐसा किया जा रहा पर संगठन से जुड़े लोग इसके पक्ष में नही है।

कौन बनेगा जिलाध्यक्ष
पिछले 5 -6 बार से अनुभव और कार्यप्रणाली के आधार पर जिला महामंत्री को प्रमोट कर जिलाध्यक्ष बनाने की परंपरा रही है। जिले में दो महामंत्री भी है इनमे सक्रियता और अनुभव के लिहाज से महामन्त्री मोहित जायसवाल का जिलाध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा। वही दूसरे महामन्त्री घनश्याम कौशिक के बारे में कहा जा रहा कि उनके पास जिला पंचायत सदस्य का दायित्व है, ऊपर से आपसी मनमुटाव के लगभग डेढ़ दो साल से पार्टी कार्यालय और पार्टी के कार्यक्रम से उनके दूरी बनाने को लेकर भी चर्चा है। यही वजह है कि दूसरे जिलाध्यक्ष अपने-अपने खेमे से बिठाने जोर आजमाइश चल रही है।
अंदरखाने से मिली जानकारी के मुताबिक इसके लिए चल रही रस्साकसी पर मंडल अध्यक्षो के नाम की घोषणा होने के बाद ही जोर लगाई जायेगी। कहा जा रहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दो दिवसीय राजधानी रायपुर प्रवास और विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने के कारण मंडल अध्यक्षो के नाम की घोषणा नही हो सकी है। विधायको और पूर्व विधायको द्वारा इसके लिए भेजे गए नाम और अनुशंसा पत्र को शार्टआउट किया जा रहा है।
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जिलाध्यक्ष को लेकर अभी फाइनल डिसीजन नही हुआ चर्चा चल रही।एक भी हो सकते है और दो भी। जहां तक मंडल अध्यक्ष का सवाल है आज-,कल में घोषणा कर दी जाएगी।
रामदेव कुमावत
जिलाध्यक्ष, भाजपा

