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बुलडोजर कार्रवाई को लेकर निगम सरकार और प्रशासन में ठनी, भड़की मेयर कहा हमे जनता ने चूना नेता है हमे पता ही नही कहां टूट रहा


0 सत्ता बमकी,अफसरों को दी गई एफआईआर की धमकी,
0 पुछ रहे लोग तब कहां थे, क्या उसी समाज भर ने वोट दिया
0 अफसरों ने ही नही उनके एमआईसी मेंबर ने भी दिया था बयान

बिलासपुर।  बुलडोजर कार्रवाई को लेकर नगर सरकार और निगम प्रशासन में ठन गई है। मामला तब बिगड़ा जब मेयर अपने भाजपा नेता पति के साथ ज्वाली नाला वैकल्पिक मार्ग पर की गई और कि जा रही तोड़फोड़ का जायजा लेने समाज के लोगो के शिकायत पर पहुची। मौके पर निगम के अफसर तलब किये गए चिल्लाचोट मची, अफसरों को अपराध बोध की तरह बचाव करना पड़ा। एफआईआर कराने तक कि चेतावनी दी गई। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर कांग्रेस को बैठे बिठाये मुद्दा दे दिया। मामला तोड़फोड़ का है इसलिए स्क्रिप्ट तैयार करने विचार विमर्श करना पड़ रहा कि करना क्या है। सवाल यह उठ रहा कि जब खुद उनके एमआईसी सदस्य और अफसर जब कार्रवाई को सही बता मीडिया में बयान दे चुके दस्तावेजी प्रमाण बता रहे तो फिर एक समाज विशेष के लिए अड़ीबाजी क्यो? इसका उचित हल निकालना जरूरी है नही तो आमजन इस मामले कां उदहरण देकर सवाल तो खड़े करेंगे ही।

इस मामले को लेकर सरेआम मचे बवाल ने बडी फजीहत खड़ी कर दी है। क्योंकि तोड़फोड़ की कार्रवाई सीमांकन और नोटिस की प्रक्रिया के बाद हुई है इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता। इस कार्रवाई से आक्रोशित व्यापारी मेयर के कार्यालय पहुच गए। इससे नाराज मेयर भवन शाखा अधिकारी और जॉन कमिश्नर को तलब कर जानना चाहा कि ये कार्रवाई किसके इशारे और किसके परमिशन पर किया गया पूछा गया पर अधिकारी संतोषजनक जवाब न दे सके।

मेयर ने निगम में बढ़ती अफसरशाही पर कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने आरोप लगाया कि समाज के व्यापारियों को बिना कोई पूर्व सूचना या वैकल्पिक व्यवस्था बताए निशाना बनाया गया. मेयर ने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने  भविष्य में किसी भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पहले जनप्रतिनिधियों को सूचित करने चेतावनी दी गई।

पूछ रही मेयर जब निर्माण कार्य होता है तब आप कहा रहते है

इसके बाद मेयर अपनें भाजपा नेता पति और समाज के लोगों के साथ तोड़फोड़ स्थल का जायजा लेने पहुँची, यहाँ भी जमकर बहस हुई कहा गया कि अफसर इतने निरंकुश और बड़े हो गए कुछ भी कर रहे है। कॉल करने पर मोबाइल रिसीव नही करते । उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी मनमानी नही चलेगी समन्वय बनाकर उन्हें विश्वास में लेकर काम करना होगा।

कहा नही चलने देंगे अफसरशाही
भवन शाखा अधिकारी कह रहे मैं क्या करूँ मैडम और सर से बात कीजिये

लोगो का काम है कहना

मेयर के इस रुख को लेकर खुद भाजपा नेताओं ने मीडिया से सवाल किये क्या मेयर को सचमुच इस कार्रवाई का पता नही था, फिर उन्होंने इस बात को लेकर नाराजगी क्यो जताई कि उनका कॉल क्यो रिसीव नही किया गया। कार्रवाई के दौरान उनके एमआईसी सदस्य मौजूद थे, मीडिया में उनका बयान आया कि उनकी शिकायत पर कार्रवाई की गई। व्यापारियों ने निगम और नजूल की जमीन पर कब्जा कर निर्माण किया है, निगम राजस्व और नजूल विभाग के अमले ने नापजोख किया निशान लगया फिर मेयर की नाराजगी क्यो? लोग और भी तरह तरह की चर्चा कर रहे हवा में कई तरह की बातें घूम रही लेकिन खुलकर कोई कुछ नही कह रहा।

बन्धु मौर्य, एमआईसी मेंबर नगर निगम
सुरेश शर्मा, भवन शाखा अधिकारी नगर निगम बिलासपुर

कौन है वो लालबुझक्कड़

पूरे मामले का मास्टर माइंड निगम के एक अफसर को बताया जा रहा, जिन्होंने अमले को कार्रवाई स्लो करने कॉल भी किया था।

व्यवसायिक तो दूर आवासीय के अनुकूल तक नही दर्शाई गई पीछे की गली

3 मंजिला काम्प्लेक्स के निर्माणकर्ता ने निगम के भवन शाखा से आवासीय भवन का नक्शा पास करा यहाँ व्यवसायिक काम्प्लेक्स खड़ा कर दिया। इस निर्माणकर्ता ने पीछे गली से अपने परिसर की एंट्री दिखाई है, पर बना लिया नाले की तरफ मुह करके और व्यवसायिक, इससे शर्मनाक बात और क्या हो सकता है कि आवासीय नक्शे में तीन मंजिला काम्प्लेक्स तन गया। इस इतने बड़े परिसर की जो ऐंटी दिखाई गई है वो व्यवसायिक तो दूर आवासीय परिसर के लिए भी अनुकूल नही है।


पता था तो रोका क्यो नही, नही पता था तो नकारा क्यो नही

नागरिकों को सुविधाये मुहैया कराने निकाय क्षेत्र में विस्तार कर 8 जोन बनाया गया, इसके बाद ये हाल है, ऐसे में सवाल यह उठ रहा कि यदि इस निर्माण की जानकारी जॉन कमिश्नर और भवन शाखा अधिकारी को थी तो इसे रोका क्यो नही गया, और यदि इन्हें 3-3 मंजिल भवन तनने तक जानकारी नही थी तो ये कर क्या रहे।

इसलिए हो रहा गड़बड़

जोन कार्यालयों को आधे अधूरे अधिकार देकर निगम प्रशासन ने घण्टाघर बना रखा है। जोन कार्यालयों को 2000 स्क्वेयर फिट तक आवासीय नक्शा पास करने अधिकार दिया गया है। इससे ऊपर के आवासीय और पूरे व्यवसायिक नक्शे निगम मुख्यालय के भवन शाखा से पास होते है। बस यही से गड़बड़ी हो रही।केवल नक्शा ही नही और भी ऐसे कई कार्य है जिसके लिए अब भी मुख्यालय का मुंह ताकना पड़ रहा।

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शैलेन्द्र पाण्डेय / संपादक / मोबाइल नंबर : 7000256145
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